आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई। तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ सोमवार https://shiv-chalisa-lyrics-in-en96239.scrappingwiki.com/934610/detailed_notes_on_shiv_chalisa_lyrics